Aadhar card आज के समय में भारत के हर नागरिक की पहचान का सबसे अहम दस्तावेज बन गया है। बैंक से लेकर राशन, स्कूल एडमिशन, गैस सब्सिडी, सरकारी योजनाओं और मोबाइल नंबर तक – सब कुछ आधार से जुड़ चुका है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आधार का गलत इस्तेमाल करना कानूनी अपराध है और इसके लिए आपको तीन साल तक की जेल और ₹1 लाख तक का जुर्माना भी हो सकता है?

इस ब्लॉग में हम बताएंगे कि किन गलतियों से बचना जरूरी है और किन धाराओं के तहत क्या सजा हो सकती है।
आधार में झूठी जानकारी देना है अपराध
UIDAI (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति आधार पंजीकरण या अपडेट के समय जानबूझकर:
- गलत नाम, पता या जन्मतिथि देता है
- फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत करता है
- किसी और की पहचान या बायोमेट्रिक डेटा का इस्तेमाल करता है
- नकली एजेंसी बनकर काम करता है
तो यह सभी कार्य आधार अधिनियम 2016 के तहत दंडनीय माने जाते हैं।
आधार एक्ट 2016 के तहत सजा के प्रावधान
धारा 38 – जानबूझकर गलत जानकारी देने पर
- 3 साल तक की जेल
- ₹10,000 से ₹1,00,000 तक जुर्माना
- या दोनों
धारा 39 – बिना अनुमति आधार डेटा इकट्ठा करने या साझा करने पर
- 3 साल तक की सजा
- वित्तीय दंड
इन 5 गलतियों से बचें, वरना हो सकती है जेल
1. फर्जी बायोमेट्रिक या जनसांख्यिकीय जानकारी देना
गलत नाम, जन्मतिथि, पता या फिंगरप्रिंट देकर नामांकन कराना अपराध है। सजा:
- 3 साल तक की जेल
- या ₹10,000 का जुर्माना
2. आधार डेटा से छेड़छाड़ करना
बायोमेट्रिक जानकारी बदलने या दूसरे व्यक्ति की पहचान का दुरुपयोग करने पर:
- 3 साल की कैद
- और ₹10,000 का जुर्माना
3. फर्जी एजेंसी बनना
यदि कोई संस्था या व्यक्ति खुद को UIDAI से अधिकृत बताकर जानकारी इकट्ठा करे, तो:
- व्यक्ति को 3 साल की कैद या ₹10,000 जुर्माना
- संस्था को ₹1 लाख तक का जुर्माना
4. आधार डेटा लीक या शेयर करना
बिना अनुमति आधार की जानकारी किसी और के साथ साझा करने पर:
- 3 साल तक की जेल
- ₹10,000 (व्यक्ति) या ₹1 लाख (संस्था) का जुर्माना
5. CIDR में हैकिंग करना
CIDR (Central Identities Data Repository) को हैक करना सबसे गंभीर अपराधों में आता है:
- 10 साल तक की कैद
- ₹10 लाख तक का जुर्माना
IT Act के तहत भी हो सकती है सजा
यदि कोई आधार से जुड़ी हैकिंग, फिशिंग या साइबर अपराध करता है, तो उस पर सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 (IT Act) के तहत भी मामला दर्ज किया जा सकता है।
UIDAI की कड़ी कार्रवाई
UIDAI ने हाल ही में 1.17 करोड़ से अधिक फर्जी आधार कार्ड रद्द किए हैं। अब आधार बनाने के लिए पासपोर्ट, राशन कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र या 10वीं की मार्कशीट जैसे विश्वसनीय दस्तावेजों की पुष्टि ऑनलाइन माध्यम से की जा रही है।
अपनी सुरक्षा खुद करें – यह सावधानियाँ बरतें
- आधार कार्ड केवल विश्वसनीय और अधिकृत संस्थाओं के साथ साझा करें
- आधार नंबर को सार्वजनिक रूप से शेयर न करें
- UIDAI द्वारा दी गई मास्क्ड आधार सुविधा का उपयोग करें
- SMS अलर्ट्स और ईमेल के ज़रिए अपने आधार एक्टिविटी की निगरानी रखें
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