अगर आप बिहार में शिक्षक बनने का सपना देख रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बहुत जरूरी है। राज्य सरकार ने अब शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में ‘डोमिसाइल नीति’ लागू कर दी है। इसका मतलब है कि अब सिर्फ बिहार का निवास प्रमाण पत्र काफी नहीं होगा—उम्मीदवार की 10वीं और 12वीं की पढ़ाई भी बिहार से ही होनी चाहिए।
इस नई नीति का सबसे बड़ा फायदा बिहार के उन युवाओं को मिलेगा जिन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई राज्य से की है। पहले बाहरी राज्यों के उम्मीदवार भी बड़ी संख्या में शिक्षक भर्ती में भाग लेते थे, लेकिन अब 84.4% पद केवल स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित कर दिए गए हैं।
क्या है डोमिसाइल नीति? क्यों बना यह इतना जरूरी
डोमिसाइल यानी स्थानीय निवास—अब यह केवल एक प्रमाण पत्र भर नहीं रह गया है। बिहार सरकार ने स्पष्ट किया है कि जिन अभ्यर्थियों ने 10वीं और 12वीं की पढ़ाई बिहार से नहीं की है, उन्हें डोमिसाइल का फायदा नहीं मिलेगा। मतलब ये कि बाहर के बोर्ड से पास उम्मीदवार अगर बिहार के निवासी भी हैं, तो वे प्राथमिकता सूची में शामिल नहीं होंगे।
84.4% पद आरक्षित सिर्फ बिहार के लिए
बिहार सरकार ने TRE‑4 और TRE‑5 शिक्षक बहाली प्रक्रिया में 84.4% पदों को आरक्षित कर दिया है। यह आरक्षण कई स्तरों पर बांटा गया है:
- 50% आरक्षण जातिगत (SC/ST/BC/EBC) आधार पर
- 10% आरक्षण EWS (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग)
- 35% पद बिहार की महिलाओं के लिए
- 40% पद ऐसे उम्मीदवारों के लिए जिन्होंने 10वीं और 12वीं बिहार से पास की हो
अब केवल 15.6% पद ही उन लोगों के लिए बचते हैं जो इन शर्तों को पूरा नहीं करते—यानि बाहर के अभ्यर्थियों के लिए रास्ता लगभग बंद!
किन दस्तावेजों की होगी जरूरत?
डोमिसाइल का लाभ लेने के लिए सिर्फ बिहार का निवासी प्रमाण पत्र (Residential Certificate) ही नहीं चलेगा। इन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी:
- 10वीं और 12वीं की मार्कशीट (बिहार बोर्ड या बिहार के किसी मान्यता प्राप्त स्कूल से)
- स्थायी निवास प्रमाण पत्र
नीति पर राजनीति भी गर्म
इस नीति को लेकर बिहार में राजनीति भी तेज हो गई है। एनडीए सरकार इसे ‘स्थानीय युवाओं के लिए सुनहरा मौका’ बता रही है, तो वहीं विपक्ष इसे अधूरा कदम बताते हुए 100% डोमिसाइल नीति की मांग कर रहा है। छात्र संगठन और अभ्यर्थी भी पूरी स्थानीयता लागू करने की मांग कर रहे हैं।
आपके लिए क्या मायने रखती है ये नीति?
अगर आपने बिहार से 10वीं और 12वीं पास की है, तो यह मौका आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है। आने वाली TRE-4 और TRE-5 भर्तियों में अब बाहरी प्रतियोगिता काफी कम हो जाएगी। इसलिए तैयारी में अभी से लग जाएं और जरूरी दस्तावेज पूरे रखें।
ज़रूरी लिंक
निष्कर्ष
नई डोमिसाइल नीति बिहार में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता देने के लिए एक ठोस कदम है। यह न केवल रोजगार के अवसरों को सुरक्षित करता है, बल्कि बिहार के एजुकेशन सिस्टम में भी स्थानीय भागीदारी को मजबूत करता है।
अगर आप शिक्षक बनना चाहते हैं, तो यह सही समय है। अपने दस्तावेज जांच लें, पढ़ाई में पूरा ध्यान दें, और इस मौके का भरपूर फायदा उठाएं।

Shubham Kumar currently works in a government position at the block level in his district, where he actively contributes to the administration and public service delivery. Alongside his official duties, he is also a passionate blogger with a deep interest in sharing reliable and up-to-date information on jobs, education, scholarships, and government schemes. His mission is to empower his readers with accurate knowledge, enabling them to make informed decisions, achieve their goals, and lead meaningful lives.